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सितंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिंदी भाषा पर स्लोगन (हिंदी दिवस पर विशेष)

हिंदी दिवस पर विशेष हिंदी भाषा पर स्लोगन 1- हिंदी है मेरी आन, हिंदी है मेरी शान, इसमें ही निहित है, देश का उत्थान। सहजता, सरलता, है इसकी पहचान, लचीलेपन का गुण, बनाता इसे महान।। 2- पूर्वजों से मिली हमें, ये अमोलक पूँजी, हिंदी ही तो है, सारेे विकास की कुंजी।। 3- हिंदी है अभिमान, ये शान है हमारी, हिंदी है मान, ये पहचान है हमारी, है कबीर, सूर, ये रसखान है हमारी, भाषाओं का ताज़, हिंदोस्तान है हमारी।। 4- हिंदी है जन-जन की भाषा, इसका प्रयोग ज़रूरी है। अंग्रेज़ी नहीं है दिलों की भाषा, वो तो एक मज़बूरी हैै।। 5- देश की संस्कृति-सभ्यता की पहचान है हिंदी, देश का गौरव, उसका मान-सम्मान है हिंदी। देश के चहुँमुखी विकास की कुंजी है हिंदी, भारत देश की अमूल्य धरोहर, पूँजी है हिंदी।। 6- निज भाषा से ही होता है, देश का संपूर्ण विकास। निज भाषा से ही मिलता है, आत्म को नव प्रकाश। निज भाषा से ही पूरे होते, हर आस और प्रयास। निज भाषा के प्रति रखो, नित्य श्रद्धा व विश्वास।। 7- हिंदी है समस्त ज्ञान और विज्ञान की भाषा, हिंदी ही है देश का सम्मान और आशा। हिंदी की वैज्ञानिकता क

प्रकृति पर नारे Slogan On Nature

प्रकृति पर नारे 1- पेड़ हैं धरती का शृंगार, इनकी महिमा अपरंपार।। फल-फूल, सब्ज़ी, ईंधन दे, करते हैं हम पर उपकार। 2- मत काटो पेड़ों को, ये मरकर भी काम आएँगे। हे प्राणी! तुझे अंत में, ये ही तो जलाएँगे।। 3- प्रकृति से जितना नाता जोड़ेंगे, उतना ही स्वस्थ जीवन जी लेंगे।।

Slogan on “Say No to Plastic” प्लास्टिक पर नारे

Slogan on “say no to plastic”    प्लास्टिक पर नारे  1- हमने जब भी लिया संकल्प, उसे पूरा करके माना है। प्लास्टिक मुक्त करेंगे भारत को, अब हमने ये ठाना है।। 2- प्लास्टिक से यारी, पड़ेगी हम सब पर भारी। जीवन से इसे भगाने की, जल्द करो तैयारी।। 3- रंग-बिरंगी प्लास्टिक की पन्नियाँ, दिखा रहीं अपनी औकात। कैंसर, प्रदूषण, और बंजर धरती की, दे रहीं हमको सौगात।। 4- मिट्टी के बरतन अपनाओ, कपड़े कागज़ के थैले लाओ। प्लास्टिक है बहुत ज़हरीली, इसे जीवन से दूर भगाओ।। 5- प्लास्टिक न तो मरती, न मिटती और न गलती। फिर इसे अपनाने की, हम क्यों कर रहे गलती।। 6- प्लास्टिक से हो रही भूमि बरबाद, कहाँ उगाएँगे हम शाक-पात। अरे, सँभल जाओ अब तो नादान, मत करो धरती माँ से घात।। 7- प्लास्टिक दे रहा कैंसर का तोहफ़ा, फिर भी हम उसे अपना रहे। तभी तो निरीह पशु और इंसान, काल के गाल में समा रहे।।   8- सोचो, विचार करो,   अपनी आगामी पीढ़ियों के लिए हम क्या छोड़ कर जा रहे। प्रदूषित भूमि, दूषित वायु-जल, और फिर भी इस पर इतरा रहे।।