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फ़रवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आम का पेड़ (हिंदी कहानी)

एक राजा था। वह अपनी प्रजा का बहुत ख्याल रखता था। वह समय-समय पर अपनी प्रजा के हाल-चाल लेने के लिए भेष बदलकर निकल जाता था और फिर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयत्न करता था। एक बार राजा टहलते हुए एक गाँव की ओर चला गया। वहाँ उसने देखा कि एक बूढ़ा किसान एक छोटा-सा आम का पौधा लगा रहा है। राजा ने किसान से कहा, "काका! यह आप क्या कर रहे हैं?" किसान वेश बदला होने के कारण राजा को पहचान न सका। उसने उत्तर दिया, "भाई! मैं आम का पौधा लगा रहा हूँ। यह बड़ा होकर एक विशाल पेड़ बनेगा और फिर फल तथा छाया देगा।" राजा हँसा और बोला, "काका! लगता है आपको अपनी उम्र का अंदाजा नहीं है। इस पौधे को वृक्ष बनने में तो कई साल लगेंगे। पता नहीं इसमें कब तक फल आएँ? मुझे तो आपकी उम्र देखकर ऐसा नहीं लगता कि आप इस वृक्ष के फल खाने के लिए जीवित रहेंगे। फिर भला आप इतनी मेहनत किसलिए कर रहे हैं?" किसान ने राजा की बात सुनकर किसान शांत भाव से बोला, "हाँ भाई! आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। यूँ तो इंसान के जीवन का पल-भर का भी ठिकाना नहीं है और फिर मैं तो बूढ़ा हो चुका हूँ। यक़ीनन, इस वृक्ष के फल खाना मेर

बाल कहानी 'चिड़िया ने पढ़ाया पाठ' Hindi child story

एक लड़का था-राजू। वह कक्षा आठ में पढ़ता था। उसे खेलना बहुत पसंद था। वह परीक्षा के समय भी पढ़ाई न करके खेलता रहता था। उसकी माँ उसे बहुत समझातीं, परंतु उस पर कोई असर न होता। परीक्षा नजदीक आ गई, परंतु खेल के कारण वह परीक्षा की ढंग से तैयारी नहीं कर पाया। उसने परीक्षाएँ तो दीं, परंतु उसके पेपर बहुत अच्छे नहीं हुए। परिणाम यह हुआ कि वह गणित और अंग्रेजी-इन दो विषयों में फेल हो गया। वह अपना परीक्षा परिणाम देखकर रोने लगा। उसके माता-पिता ने बहुत समझाया, परंतु उसे अपनी एक साल बर्बाद होने का बहुत दुख हो रहा था। खैर, इस तरह कुछ दिन बीत गए। अब नया सत्र शुरू होने वाला था। उसके माता-पिता ने उसे स्कूल जाने को कहा, परंतु राजू स्कूल जाने को राजी न हुआ। क्योंकि उसे कक्षा आठवीं में ही दोबारा बैठना पड़ता। सभी बच्चे उसका मजाक बनाते। यही सोच-सोचकर वह रोता जा रहा था और स्कूल से नाम कटाने की जिद कर रहा था। उसके माता-पिता को समझ नहीं आ रहा था कि वह उसे किस तरह साहस बँधाएँ। एक दिन उस बच्चे ने देखा कि उसके कमरे के रोशनदान में एक चिड़िया ने घोंसला बना लिया था। उसने सोचा, कहीं पंखे से टकराकर चिड़िया घायल न हो जाए या