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अप्रैल, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिंदी लेख-गुरु की महिमा

गुरु की महिमा ‘ बिनु गुरु होय न ज्ञान ’ अर्थात् बिना गुरु के ज्ञान नहीं प्राप्त होता। ‘ गु ’ शब्द का अर्थ है - अंधकार , तथा ‘ रु ’ शब्द का अर्थ है - अंधकार का निरोधक। अर्थात् अंधकार को दूर करने वाले को गुरु कहा जाता है। गुरु ही हैं जो अज्ञान के अंधकार को मिटाते हैं , गुरु ही हैं जो सही और गलत का भेद बताते हैं , गुरु ही हैं जो सच्चा मार्ग दिखलाते हैं , गुरु ही हैं जो भवसागर से तारते हैं और ईश्वर प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। यही कारण है कि गुरु की महिमा के गीत गाये जाते हैं और उन्हें सर्वोपरि स्थान दिया जाता है - ‘‘ सतगुरु की महिमा अनंत , अनंत कियो उपकार। लोचन अनंत उघाड़िया , अनंत दिखावण हार।। ’’ कबीरदास जी ने तो गुरु की महिमा का बखान करते हुए उन्हें ईश्वर से भी प्रमुख स्थान दिया है - ‘‘ गुरु गोबिन्द दोउ खड़े , काकै लागूँ पाँय। बलिहारी गुरु आपणैं , गोबिन्द दियो बताय। ’’ उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है , क्योंकि एक सच्चा गुरु ही

हिंदी लेख- विद्यार्थी जीवन

विद्यार्थी जीवन  विद्यार्थी की परिभाषा है-‘‘विद्यायाः अर्थी’ अर्थात् विद्या का इच्छुक या अभिलाषी। इसका अर्थ यही हुआ कि विद्यार्थी को विद्या प्राप्ति की इच्छा ही सर्वोपरि रखनी चाहिए, चाहे इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु उसे शारीरिक सुख प्राप्त करने की इच्छा को तिलांजलि ही क्यों न देनी पड़े। संस्कृत में कहा भी गया है- ‘‘सुखार्थिनः कुतो विद्या, विद्यार्थिनः कुतो सुखम्। सुखार्थी वा त्यजेत् विद्यां, विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम्।।’’ अर्थात् सुख चाहने वाले के पास विद्या कहाँ? विद्या चाहने वाले के पास सुख कहाँ सुख चाहने वाले को विद्या (प्राप्ति का विचार) त्याग देना चाहिए और विद्या चाहने वाले को सुख का त्याग कर देना चाहिए। हमारी भारतीय परंपरा में प्राचीन काल में गुरुकुल की अवधारणा थी। गुरुकुल में पच्चीस वर्ष की आयु तक रहकर छात्र विभिन्न प्रकार की विद्याओं का अर्जन करता था; क्योंकि यही वह आयु है जिसमें विद्यार्थी पर न तो किसी प्रकार के दायित्वों का भार होता है और न आर्थिक चिंता। वह अपना मानसिक, शारीरिक एवं बौद्धिक विकास स्वतंत्र एवं निश्चिन्त होकर कर सकता है। गुरुकुल में शांत एवं प्राकृतिक व

देशभक्ति कविता-विंग कमांडर अभिनंदन पर

वंदन अभिनंदन धन्य है अभिनंदन जैसे धरती के लाल भारत माँ की रक्षा का सदा बीड़ा उठायो है। शौर्य और पराक्रम की दिखाई ऐसी मिसाल पुराने विमान से ही मिग 16 टपकायो है। मूंछें तनी रहीं देखो शत्रु की कैद मेें भी बब्बर शेर ने बला को साहस दिखायो है। राफेल विमान को ज़रा हाथ तो लगाने दो अभी तो उनके नाम से ही डरपायो है। गोपनीय दस्तावेज़ लगने नहीं दिए हाथ शत्रु के सामने ही उन्हें निगलायो है। दिखा दिया शत्रु को कि छेड़ा हम करते नहीं पर जब भी छिड़े तभी तुम्हें सबक सिखायो है। शत्रु के सभी सवालों का किया सामना यूँ डटकर चाय की चुस्कियों में भी होश नहीं बिसरायो है अभिनंदन, वंदन करती हूँ भारतीय जाबाँजांे को देश की खातिर सदा अपने लहू को बहायो है।