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जुलाई, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अनुच्छेद दादी माँ

मेरी दादी माँ बहुत प्यारी हैं। उनकी उम्र लगभग 65 साल है। उनके बाल सफेद हैं और वे हमेशा एक साड़ी पहनती हैं। उनकी आँखों में बहुत प्यार और ममता है। दादी माँ सुबह जल्दी उठती हैं और पूजा करती हैं। वे हमें कहानियाँ सुनाती हैं और भजन गाती हैं। जब हम स्कूल से आते हैं, तो वे हमें गरमा गरम खाना खिलाती हैं। उन्हें खाना बनाना बहुत पसंद है और वे बहुत स्वादिष्ट पकवान बनाती हैं। दादी माँ हमें अच्छी बातें सिखाती हैं। वे कहती हैं कि हमें हमेशा सच बोलना चाहिए, बड़ों का आदर करना चाहिए और सबकी मदद करनी चाहिए। वे हमें पढ़ाई में भी मदद करती हैं। जब हम कोई गलती करते हैं, तो वे हमें प्यार से समझाती हैं। दादी माँ को बागवानी का भी बहुत शौक है। उन्होंने अपने छोटे से बगीचे में सुंदर फूल और सब्जियाँ लगाई हैं। वे पौधों की देखभाल करती हैं और हमें भी उनके साथ काम करना सिखाती हैं। शाम को हम सब दादी माँ के पास बैठकर बातें करते हैं। वे हमें अपने बचपन की कहानियाँ सुनाती हैं, जो बहुत मजेदार होती हैं। दादी माँ के साथ समय बिताना मुझे बहुत अच्छा लगता है। वे मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और मैं उनसे बहुत प...

मेरी प्यारी दादी Meri pyaari dadi

मेरी दादी  मुझे आज भी याद है वह दिन, जब मेरी दादी माँ मेरे लिए रंग-बिरंगी चूड़ियाँ लाई थीं। मैं तब छोटी थी, शायद कक्षा 2 में। मेरी दादी माँ, जो हमेशा सफेद साड़ी पहनती हैं और जिनके बाल दूध जैसे सफेद हैं, उनकी आँखों में मेरे लिए ढेर सारा प्यार झलकता था। वह दिन मुझे इसलिए खास याद है क्योंकि उस दिन मैं थोड़ी उदास थी। मेरा एक खिलौना टूट गया था और मैं रो रही थी। दादी माँ ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरे आँसू पोंछे। उन्होंने मुझे एक कहानी सुनाई, एक बहादुर राजकुमारी की कहानी जो कभी हार नहीं मानती। कहानी सुनते-सुनते मैं कब हँसने लगी, मुझे पता ही नहीं चला। कहानी खत्म होने के बाद, उन्होंने अपनी साड़ी के पल्लू में से वह सुंदर चूड़ियाँ निकालीं। वे इतनी चमकीली थीं कि मेरी आँखें चौंधिया गईं। उन्होंने कहा, "मेरी प्यारी बिटिया, यह चूड़ियाँ तुम्हारी उदासी को दूर भगा देंगी और तुम्हें हमेशा खुश रखेंगी।" मैंने खुशी-खुशी चूड़ियाँ पहन लीं और अपनी टूटी हुई खिलौने की उदासी भूल गई। दादी माँ हमेशा ऐसे ही करती हैं। जब भी मैं दुखी होती हूँ, या पढ़ाई में कोई मुश्किल आती है, तो वह मुझे हिम्म...