मेरी दादी
मुझे आज भी याद है वह दिन, जब मेरी दादी माँ मेरे लिए रंग-बिरंगी चूड़ियाँ लाई थीं। मैं तब छोटी थी, शायद कक्षा 2 में। मेरी दादी माँ, जो हमेशा सफेद साड़ी पहनती हैं और जिनके बाल दूध जैसे सफेद हैं, उनकी आँखों में मेरे लिए ढेर सारा प्यार झलकता था। वह दिन मुझे इसलिए खास याद है क्योंकि उस दिन मैं थोड़ी उदास थी। मेरा एक खिलौना टूट गया था और मैं रो रही थी।
दादी माँ ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरे आँसू पोंछे। उन्होंने मुझे एक कहानी सुनाई, एक बहादुर राजकुमारी की कहानी जो कभी हार नहीं मानती। कहानी सुनते-सुनते मैं कब हँसने लगी, मुझे पता ही नहीं चला। कहानी खत्म होने के बाद, उन्होंने अपनी साड़ी के पल्लू में से वह सुंदर चूड़ियाँ निकालीं। वे इतनी चमकीली थीं कि मेरी आँखें चौंधिया गईं। उन्होंने कहा, "मेरी प्यारी बिटिया, यह चूड़ियाँ तुम्हारी उदासी को दूर भगा देंगी और तुम्हें हमेशा खुश रखेंगी।"
मैंने खुशी-खुशी चूड़ियाँ पहन लीं और अपनी टूटी हुई खिलौने की उदासी भूल गई। दादी माँ हमेशा ऐसे ही करती हैं। जब भी मैं दुखी होती हूँ, या पढ़ाई में कोई मुश्किल आती है, तो वह मुझे हिम्मत देती हैं। वह मुझे बताती हैं कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता, बस हमें कोशिश करते रहना चाहिए।
मुझे दादी माँ के साथ बिताया हर पल याद है। उनकी मीठी कहानियाँ, उनके हाथ का बना स्वादिष्ट खाना, और उनका प्यार भरा दुलार। जब मैं बीमार पड़ती हूँ, तो दादी माँ रात भर मेरे पास बैठी रहती हैं। वह मेरे सिर पर हाथ फेरती रहती हैं और मुझे जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करती हैं।
आज मैं कक्षा 5 में हूँ, और मैं अब भी दादी माँ की कहानियाँ सुनना पसंद करती हूँ। मुझे लगता है कि मेरी दादी माँ दुनिया की सबसे अच्छी दादी माँ हैं। उनका प्यार और उनका साथ मुझे हमेशा ताकत देता है। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूँ कि मेरी दादी माँ हमेशा मेरे साथ रहें।
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