इस बार की गर्मी में बच्चो
खूब मस्ती, होमवर्क करना है
जूस शरबत पीने के संग
तुमको एक काम ये करना है
इन छोटी-छोटी गौरैयों का, चीं-चीं स्वर भी सुनना है।
तपती गर्मी में चलती है
लू से भरी हुई जब आँधी
पानी मिलता नहीं दूर तक
दिखती छाया न दाना है
कटोरे में दाना-पानी भरकर, आँगन-छत पर रखना है।
चीं-चीं करतीं ये गौरैयाँ
जब पानी पीने आएँगी
नहीं डराना नहीं भगाना
अपनत्व उनसे जताना है
इस बार तुम ठान लो मन में, ये कि उन्हें बचाना है।
दो बूँद पानी के अभाव में
न तोड़े दम कोई भी पक्षी
इन निरीह प्राणियों के जीवन में
आस-विश्वास तुम्हें जगाना है
मिट्टी के बरतन में पानी रख, तुमको वचन निभाना है।
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