गर्मी आई ! गर्मी आई !
गर्मी आई, गर्मी आई, सर्दी की हुई विदाई।बक्सों में बंद होने लगे, कंबल रजाई
कोहरे की चादर भी, देती न दिखाई
अलाव स्वेटर की, हो रही रुसवाई
खिड़की, पर्दे अब खुलने लगे हैं भाई।
गर्मी आई, गर्मी आई, सर्दी की हुई विदाई।
गुड़ तिल गजक से, हो रही रुखाई
मूँगफली भी अब देखो, मन को न भाई
काजू बादाम केसर की, कीमत घट आई
ठंडी-ठंडी शीतल चीज़ें लगें सुखदाई।
गर्मी आई, गर्मी आई, सर्दी की हुई विदाई।
पंखे कूलर ए0सी0 की, हुई साफ़-सफ़ाई
हाथों के पंखों की भी, होने लगी ढुँढ़ाई
छतरी और चश्मे, दुकानों में सज गए भाई
गर्मी आई, गर्मी आई, सर्दी की हुई विदाई।
ककड़ी खीरे तरबूजों की, बेलें पक आईं
आमों की बौरें भी, लेने लगी अँगड़ाई
लस्सी छाछ मट्ठे की, हो रही पिलाई
आइसक्रीम शरबत ने, घर की शोभा बढ़ाई
गर्मी आई, गर्मी आई, सर्दी की हुई विदाई।
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