"रिश्ता अनमोल"
तेरे बिना लगे सूना सब घर-आँगन।
झगड़े भी तुझसे, मनुहार भी तुझसे है,
गुस्सा भी तुझसे, त्योहार भी तुझसे है।
कभी तू रुला दे, कभी तू हँसा दे,
छोटे-छोटे लम्हे तू यादें बना दे।
राखी की डोर में बाँधा है अहसास,
भैया, हर जनम में मिले तेरा साथ।
जब भी कोई डर सताए मुझे,
तेरी आवाज़ हिम्मत दिलाए मुझे।
तू है तो सब कुछ मेरे पास है,
तेरे बिना अधूरी-सी हर आस है।
न है कोई शर्त, न है कीमत, न दाम,
भरोसा, विश्वास है इस रिश्ते की जान।
यूँ ही बनी रहे हमारे संबंधों में सुबास,
भैया, हमारा रिश्ता है सबसे ही खास।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें