देश की शक्ति का परचम लहराते हैं।
ये तिरंगा है आन और शान का प्रतीक,
इसके तले गाये हैं मतवालों ने कई गीत।
बलिदानों की गाथा को याद करते चलें,
भारत मां के चरणों में शीश झुकाते चलें।
साहस और त्याग की जो मिसाल बने,
उन वीरों के सपनों को साकार करते चलें।
हर रंग इसका संदेश बड़ा दे जाता,
हमें एकता और सद्भाव सिखा जाता।
केसरिया हो ऊर्जा का प्रतीक बनकर,
हरियाली से धरती को महकाते हैं।
सफेद रंग से शांति का संदेश फैलायें,
नीले चक्र से कर्म की राह दिखायें।
आओ आज इस प्रण को दोहराते हैं,
मिलकर भारत को विश्वगुरु बनाते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें