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सास-बहू की डिजिटली नोंक-झोंक (हास्य क्षणिकाएँ)


1.
बहू बोली सासू माँ, अब तो मोबाइल रख दो हाथ,
रोटियाँ जल गईं इधर, आप थीं स्नैपचैट के साथ।
सासू बोली – बहू! रील बना रही थी नई रसोई की,
जल गई रोटी, हाय! अब मिलेगी लाइक बस सौ-पचास।

2.
सास कहे – बहू!  तेरी अँखियाँ तो हैं बड़ी ही नीली,
अरे! ये तो है फिल्टर की करामात, बहू हँसकर बोली।
सासू माँ, अब तो डिजिटल ज़माने का ही सब खेला है,
ब्यूटी पार्लर की जरूरत नहीं, इंस्टा ने रूप को बदला है।

3.
बहू कहे – सासू माँ! घर की बातें अब कम किया करो,
व्हाट्सएप पर मोहल्ले को न रोज़ अपडेट दिया करो।
सास बोली – पगली, ये मेरी सोसायटी की फीलिंग है,
जहाँ स्टेटस न बदला जाए, वहाँ बोरिंग सी लिविंग है!

4.
मोबाइल स्क्रीन का लॉक हो, या वाई-फाई का पासवर्ड,
बस इनके ही निर्माण में, दीखे बहू का मास्टर वर्क।
लाइक्स और व्यूज बढ़ाने में, हो रही होड़ा-होड़ी,
फॉलोवर्स बढ़ाने में व्यस्त है, अब सास-बहू की जोड़ी।

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