अधर्म का नाश करें, धर्म को बचाएँ
रावण का पुतला समझाता है हमको
अहंकारी का अंत होता है बहुत बुरा।
पकड़ लो धर्म और सत्य के मार्ग को
अन्यायी के साथ कभी होना न खड़ा।।
अहंकारी का अंत होता है बहुत बुरा।
पकड़ लो धर्म और सत्य के मार्ग को
अन्यायी के साथ कभी होना न खड़ा।।
रघुनंदन में धैर्य और साहस था अपार,
जो आज भी देता है हमें सीख बारंबार।
अच्छाई ने बुराई को हराया है हर बार,
सत्य की जीत का सदा फैला है प्रकाश ।।
आओ इस दशहरा नया संकल्प जगाएं
अपने भीतर बैठे रावण को मार गिराएँ।
अनुशासन, सच्चाई और सद्गुण अपनाएँ
न्याय और करुणा का सदा साथ निभाएँ।
श्रीराम ने रावण को मार धर्म था बचाया,
त्याग, सेवा, भक्ति का अध्याय था रचाया।
दशहरे के संदेश को हम मन से अपनाएँ,
अधर्म का नाश करें और धर्म को बचाएँ।।
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