दोस्तो, आपने यह कहानी तो सुनी होगी जिसमें एक बंदर और एक मगरमच्छ की आपस में बहुत दोस्ती होती है बंदर मगरमच्छ को प्रतिदिन मीठे जामुन लाकर देता था। एक दिन मगरमच्छ ने जामुन अपनी पत्नी को खिलाए। पत्नी ने अपने जीवन में पहली बार इतने मीठे जामुन खाए थे। उसने कहा तुम्हारा दोस्त प्रतिदिन इतने मीठे जामुन खाता है, उसका कलेजा भी कितना मीठा होगा। मुझे तो उसका कलेजा खाना है। मगर के बहुत समझाने पर भी वह नहीं मानी। आखिरकार मगरमच्छ को पत्नी हठ के आगे हार माननी पड़ी। अगले दिन वह नदी के किनारे पहुँचा तो वहाँ बंदर मीठे जामुन लेकर उसका इंतजार कर रहा था। मगरमच्छ ने कहा, "बंदर भाई तुम्हारी भाभी यानी मेरी पत्नी तुमसे मिलना चाहती है।" बंदर ने कहा, "मुझे तो तैरना भी नहीं आता, भला मैं कैसे जा पाऊँगा।" मगरमच्छ ने कहा, "कोई बात नहीं, तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ। मैं तुम्हें ले जाऊँगा।" बंदर मगरमच्छ की बातों में आ गया और वह उसके घर जाने के लिए उसकी पीठ पर बैठ गया। किंतु मगरमच्छ दिल का भोला था। उसने सोचा अब तो बंदर मरने ही वाला है, तो इसे सत्य बता ही देना चाहिए। उसने कहा, "बंदर भाई! ...